कभी सोचें कि आसमान पर चलना कैसा लगता है तो ये तो वही बता सकता है न जो आसमान पर चल कर आया हो?अगर मैं कहूँ कि मैं आसमान पर चल कर आई हूँ तो?
हाँ ,मेरा यह अनुभव भी कुछ इसी तरह का है जब मैं दुनिया की सब से बड़ी इमारत पर सबसे ऊँचे डेक पर घूम कर वहाँ से धरती को देखने का एक रोमांचक अनुभव ले कर आई हूँ.
दुनिया की सबसे ऊँची मानवनिर्मित इमारत संयुक्त एमिरात के शहर दुबई में है.विज्ञान और तकनीक ,इंसानी सूझ बूझ और मेहनत का नमूना. इस अजूबे को बनाने में अतर्राष्ट्रीय कम्पनियाँ ,एक्सपर्टस,तकनीशियन और १०० से अधिक देशों के १२००० मजदूरों की दिन रात की मेहनत लगी है.यह भी सच है कि इस में सब से अधिक योगदान भारतीय तकनीशियन और मजदूरों का है.यह आप वहाँ की तस्वीर दीर्घा में भी देख सकते हैं.
हाँ ,मेरा यह अनुभव भी कुछ इसी तरह का है जब मैं दुनिया की सब से बड़ी इमारत पर सबसे ऊँचे डेक पर घूम कर वहाँ से धरती को देखने का एक रोमांचक अनुभव ले कर आई हूँ.
दुनिया की सबसे ऊँची मानवनिर्मित इमारत संयुक्त एमिरात के शहर दुबई में है.विज्ञान और तकनीक ,इंसानी सूझ बूझ और मेहनत का नमूना. इस अजूबे को बनाने में अतर्राष्ट्रीय कम्पनियाँ ,एक्सपर्टस,तकनीशियन और १०० से अधिक देशों के १२००० मजदूरों की दिन रात की मेहनत लगी है.यह भी सच है कि इस में सब से अधिक योगदान भारतीय तकनीशियन और मजदूरों का है.यह आप वहाँ की तस्वीर दीर्घा में भी देख सकते हैं.